सीवान में महावीरी अखाड़ा जुलूस को धूमधाम से निकाला गया: परंपरागत तरीके से निकाली गई झांकी, और ड्रोन की मदद से निगरानी बनाई गई।
शनिवार को जिले में शहर में महावीरी अखाड़ा निकाला गया। इस महावीरी झंडा मेले पर विभिन्न अखाड़ों के परंपरागत तरीके से जुलूस निकाले गए। इसके परिणामस्वरूप, पूरे शहर में जय श्रीराम और जय हनुमान के उद्घाटन से गुंजायमान हो गया।
शहर के विभिन्न मोहल्लों से आवाजों में जुलूस निकलकर शांति वट वृक्ष के पास एकत्र हो गए। वहां से उन्होंने अपना पथ जारी रखा और लक्ष्मण रेखा, बड़ी मस्जिद, शहीद सराय, थाना रोड, दरबार के रास्ते तक जाते हुए अपना जुलूस समाप्त किया।
अखाड़ा में निकाली गई झांकी के दौरान, लोग सड़कों के किनारे खड़े होकर झूलूस और अखाड़ा का दृश्य देखने के लिए एकत्र हुए। अखाड़ा में युवाओं ने कलाबाजी भी प्रस्तुत की, जिससे लोगों को हैरानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान कई अन्य झांकियां भी प्रस्तुत की गईं। प्रशासन ने समय पर सभी अखाड़ों के झूलूस को निकाल दिया।
झूलूस में सबसे पहले बजरंग बली की प्रतिमा निकली, जिनके दोनों कंधों पर श्रीराम और लक्ष्मण की मूर्तियाँ थीं। प्रमुख प्रतिमा के पीछे, बड़ी संख्या में छोटी-बड़ी हनुमान की प्रतिमाएं थीं, जिनका रूप धारण करके बालक हनुमान सभी की आँखों का तारा बने रहे।
सुरक्षा के लिए सख्त इंतजाम किए गए थे। विभिन्न धार्मिक झांकियां सभी की आकर्षण की बिना थीं। घरों की छतों पर महिलाएं खड़ी थीं और पुष्प बरसाने में लगी थीं। अखाड़ा झूलूस के साथ जगह-जगह पर मेले लगे थे। सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में, शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में भारी पुलिस बल का तैनाती था।
मेले को शांतिपूर्वक माहौल में आयोजित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारी बड़ी मस्जिद और शांति वट वृक्ष के पास बने नियंत्रण केंद्र में मौजूद रहे। जहां हर एक गतिविधि पर नजर डाली जा रही थी।
महावीरी अखाड़ा का ड्रोन कैमरे से निगरानी किया जा रहा था। शहर में इस सुरक्षा का प्रारूप सुबह से ही ड्रोन कैमरे के माध्यम से सभी स्थलों पर लगातार ध्यान दिया जा रहा था। ड्रोन के सहायता से, लोगों के घरों की छतों पर सुरक्षा का निगराना किया जा रहा था, ताकि किसी भी असामाजिक गतिविधि का आयोजन नहीं हो सके और छतों पर कोई आपदास्पद चीजें नहीं रखी गई हैं। साथ ही, विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे भी स्थापित किए गए थे, जिन्हें कंट्रोल रूम से निगराना किया जा रहा था। इन स्थानों में शामिल थे बड़ी मस्जिद, शांतिवट वृक्ष, हाफिजी चौक, मौलेश्वरी चौक, और नवलपुर। इसके साथ ही, सभी अखाड़ों की वीडियोग्राफी भी की जा रही थी।